मोहब्बत बे-इन्तहा हैं मेरे दिल को तुमसे
मुकम्मल हो जाये यही दुआ करते हैं रब से
चाहत तेरी अलग हैं सबसे
तभी तो मेरी रूह के करीब हैं सबसे
नहीं लगता मेरा दिल तेरे बिना
तेरी तलब लगी है जबसे
नहीं आता कोई ख्याल अब और दिल में
राज़ हुआ इस फर तेरे इश्क़ का जबसे
हद़ से ज्यादा हक़ है मेरा तेरी मोहब्बत पर
बे-इन्तहा चाहा है तूने भी मुझे जबसे
©writer....Nishu...
#बे-इन्तहा मोहब्बत