वो अभी अभी सरासर बुराई देने लगा है,
के अंधों को जब से दिखाई देने लगा है//१
तुझको गुमा भी नही,तेरी बेजा हरकत से,था राज जोपोशीदा,वो अब सबको दिखाई देने लगा है//
दस्त उठाकर,वो नजर से गिर गए इतने,के
उसके जैसे उसे ही वाह वाही देने लगा है//३
यार तेरी हमदर्दी तो और भी बदतर निकली,
के अब तु चर्ब जुबां से दुहाई देने लगा है//
मेरे चमन में गुल खिलने लगा है,के खुदा
"शमा" की बेटियों को,बेटो पे बड़ाई देने लगा है//५
#shamawritesBebaak
©shamawritesBebaak_शमीम अख्तर
#relaxation वो अभी अभी सरासर बुराई देने लगा है,के अंधों को जब से दिखाई देने लगा है//१
तुझको गुमा भी नही,
तेरी बेजा हरकत से,था राज जो पोशीदा,वो अब सबको दिखाई देने लगा है//२
दस्त उठाकर,वो नजर से गिर गए इतने,के उसके जैसे उसे ही वाह वाही देने लगा है//३
यार तेरी हमदर्दी तो और भी बदतर निकली,के अब तु चर्ब जुबां से दुहाई देने लगा है//४