ख्वाइसे बहोत थी अधुरी , इसलिय घुम घुम कर मैं ज़ि | हिंदी Shayari

"ख्वाइसे बहोत थी अधुरी , इसलिय घुम घुम कर मैं ज़िन्दा रखता हू उनेह ,, इन्द्र jeet 🦅 ©inderjeet"

 ख्वाइसे बहोत थी  अधुरी , 
इसलिय घुम घुम कर
 मैं ज़िन्दा रखता हू उनेह ,, 

इन्द्र jeet 🦅

©inderjeet

ख्वाइसे बहोत थी अधुरी , इसलिय घुम घुम कर मैं ज़िन्दा रखता हू उनेह ,, इन्द्र jeet 🦅 ©inderjeet

#INDERJEET kashyap#JABAAZ PARINDA 🦅

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