"मुझे याद है, तेरा वो याद बन जाना
हर बार ख्यालों की खिड़की से तेरा मुस्काना
कभी आँखो में नमी, तो कभी तन्हाई का लाना
चुपके से होठों पर, हँसी संग दर्द का रख जाना
नही भूला, सुनी आँखो का वो टूटा सपना
सुनो... एक ख्वाब, मेरी पलकों पर फिर रखना
बिखरी हूँ, तुम बिन, ये सोच कर एक बार चले आना
सर्द दिल मे जमी हसरतों को फिर जगा जाना