एक ख्वाहिश है, कि तेज से बारिश आए मैं सोया रहूं स | हिंदी शायरी

""एक ख्वाहिश है, कि तेज से बारिश आए मैं सोया रहूं समुद्र के लहरों पर यूं आराम से। "समुद्र में तो, बार-बार गोता लगाया बारिश आई नहीं और मैं बैठा रहा वही कल शाम से।। ©Abhishek tripathi#chgr@c"

 "एक ख्वाहिश है, कि तेज से बारिश आए मैं सोया रहूं समुद्र के लहरों पर 
 यूं आराम से।

"समुद्र में तो,  बार-बार गोता लगाया बारिश आई नहीं और मैं बैठा 
रहा वही कल शाम से।।

©Abhishek tripathi#chgr@c

"एक ख्वाहिश है, कि तेज से बारिश आए मैं सोया रहूं समुद्र के लहरों पर यूं आराम से। "समुद्र में तो, बार-बार गोता लगाया बारिश आई नहीं और मैं बैठा रहा वही कल शाम से।। ©Abhishek tripathi#chgr@c

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