तुम्हें यह सुनहरा साल मुबारक..!
आने वाला हर ख़्याल मुबारक..!
तुम जश्न मनाओ जन्मदिन का..!
मोम- बत्तियों का हाल मुबारक..!
कैसे हो हमें भी तो बताओ ज़रा..!
पूछने वालों का सवाल मुबारक..!
उफ़ ये महताब और ये सादगी..!
परिंदे तुझे तेरा जाल मुबारक..!
यूँ न देखो हमें सेहर नजरों से..!
शतरंज की हर चाल मुबारक..!
मैं भी याद क्यूं करूं तुमको..।
तुम्हें तुम्हारा मलाल मुबारक..!
वो पढ़ नहीं पाए चश्म-ए-नम..।
"राज" तुम्हें भी जमाल मुबारक..।
©Darshan Raj
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