वो तारीफों के लब्ज़ जंजीर जैसे, जरा सा ग़ुरूर लोग क | हिंदी Love

"वो तारीफों के लब्ज़ जंजीर जैसे, जरा सा ग़ुरूर लोग कैसे-कैसे!! यूँ तो खोले रखी दुकान हमने, पहले इश्क़ फिर जिस्म अब पैसे-पैसे!!!!"

 वो तारीफों के लब्ज़ जंजीर जैसे,
 जरा सा ग़ुरूर लोग कैसे-कैसे!!
यूँ तो खोले रखी दुकान हमने, 
पहले इश्क़ फिर जिस्म अब पैसे-पैसे!!!!

वो तारीफों के लब्ज़ जंजीर जैसे, जरा सा ग़ुरूर लोग कैसे-कैसे!! यूँ तो खोले रखी दुकान हमने, पहले इश्क़ फिर जिस्म अब पैसे-पैसे!!!!

#FakeVsFake #phleSeHi

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