ना तू रहा न मैं रहा , इस दिल में अब कोई खुमार न रह | हिंदी Shayari

"ना तू रहा न मैं रहा , इस दिल में अब कोई खुमार न रहा। इन वादियों में तेरा एहसास न रहा , ये शहर अब मेरा न रहा। की आती नहीं खुशबू तेरी फिजाओं से, मुझे अब इत्र का भी शौक न रहा। गालों पे तेरे अब वो रूखसार ना रहा , मुझको भी तेरे दीदार का इंतजार न रहा। मेरी आशिकी भी दम तोड़ने लगी , अब और तुझसे मोहहबत ना रहा ।।2 II ©Zen Palash"

 ना तू रहा न मैं रहा ,
इस दिल में अब कोई खुमार न रहा।
इन वादियों में तेरा एहसास न रहा ,
ये शहर अब मेरा न रहा।
की आती नहीं खुशबू तेरी फिजाओं से,
मुझे अब इत्र का भी शौक न रहा।
गालों पे तेरे अब वो रूखसार  ना रहा ,
मुझको भी तेरे दीदार का इंतजार न रहा।
मेरी आशिकी भी दम तोड़ने लगी ,
अब और तुझसे मोहहबत ना रहा ।।2 II

©Zen Palash

ना तू रहा न मैं रहा , इस दिल में अब कोई खुमार न रहा। इन वादियों में तेरा एहसास न रहा , ये शहर अब मेरा न रहा। की आती नहीं खुशबू तेरी फिजाओं से, मुझे अब इत्र का भी शौक न रहा। गालों पे तेरे अब वो रूखसार ना रहा , मुझको भी तेरे दीदार का इंतजार न रहा। मेरी आशिकी भी दम तोड़ने लगी , अब और तुझसे मोहहबत ना रहा ।।2 II ©Zen Palash

ना तू रहा न मैं रहा ,
इस दिल में अब कोई खुमार न रहा।
इन वादियों में तेरा एहसास न रहा ,
ये शहर अब मेरा न रहा।
की आती नहीं खुशबू तेरी फिजाओं से,
मुझे अब इत्र का भी शौक न रहा।
गालों पे तेरे अब वो रूखसार ना रहा ,
मुझको भी तेरे दीदार का इंतजार न रहा।

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