पृथ्वीराज को शक्ति का आभास कराने वाल | हिंदी Poetry

"पृथ्वीराज को शक्ति का आभास कराने वाले हम चंद बरदाई परंपरा को आकाश बताने वाले हम सही गलत में फर्क सदा बिंदास बताने वाले हम कविता करके हर कुल को इतिहास बताने वाले हम कैसे हुई उत्पति कुल की ये बात बताने वाले हम कौन कहां पर रहते उनकी न्यात बताने वाले हम सती पूर्वज भेरू जी का ज्ञान बताने वाले हम किस जगह कुलदेवी कुल की स्थान बताने वाले हम जिस शख्स की रहन सहन और शुद्ध खानपान है दिलखुश कहता हर जगह उस शख्स का मान है ना कोई छोटा ना कोई मोटा सब एक समान है इस सामाजिक उत्सव में जरूर पधारे यही मेरा आव्हान है ©Dilkhush Rao Suras"

 पृथ्वीराज   को   शक्ति   का    आभास    कराने   वाले   हम
चंद   बरदाई    परंपरा   को    आकाश    बताने   वाले   हम
सही   गलत   में   फर्क   सदा    बिंदास   बताने   वाले   हम
कविता  करके  हर   कुल  को   इतिहास   बताने  वाले  हम

कैसे  हुई   उत्पति   कुल  की   ये   बात   बताने  वाले   हम
कौन   कहां  पर   रहते   उनकी    न्यात   बताने   वाले  हम
सती    पूर्वज   भेरू  जी    का    ज्ञान    बताने   वाले   हम
किस   जगह   कुलदेवी  कुल  की  स्थान  बताने  वाले  हम

जिस   शख्स   की    रहन  सहन   और  शुद्ध  खानपान  है
दिलखुश    कहता   हर  जगह   उस  शख्स  का   मान   है
ना  कोई   छोटा   ना  कोई   मोटा   सब    एक  समान   है
इस सामाजिक उत्सव में जरूर पधारे यही मेरा आव्हान है

©Dilkhush Rao Suras

पृथ्वीराज को शक्ति का आभास कराने वाले हम चंद बरदाई परंपरा को आकाश बताने वाले हम सही गलत में फर्क सदा बिंदास बताने वाले हम कविता करके हर कुल को इतिहास बताने वाले हम कैसे हुई उत्पति कुल की ये बात बताने वाले हम कौन कहां पर रहते उनकी न्यात बताने वाले हम सती पूर्वज भेरू जी का ज्ञान बताने वाले हम किस जगह कुलदेवी कुल की स्थान बताने वाले हम जिस शख्स की रहन सहन और शुद्ध खानपान है दिलखुश कहता हर जगह उस शख्स का मान है ना कोई छोटा ना कोई मोटा सब एक समान है इस सामाजिक उत्सव में जरूर पधारे यही मेरा आव्हान है ©Dilkhush Rao Suras

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