तेरे शहर में इतना धुआं ओह अच्छा लोग मुझसे जलने लग | हिंदी Poetry

"तेरे शहर में इतना धुआं ओह अच्छा लोग मुझसे जलने लगे हैं में तभी सोचूं लोग मुझे तिरछी नजर से क्यों देखते हैं अब मालूम हुआ है वही तो जल जल के कोयले बनने लगे हैं ©prayag raj"

 तेरे शहर में इतना धुआं
ओह अच्छा लोग  मुझसे जलने लगे हैं
में तभी सोचूं लोग मुझे तिरछी नजर से क्यों देखते हैं
अब मालूम हुआ है  वही तो जल जल के कोयले बनने लगे हैं

©prayag raj

तेरे शहर में इतना धुआं ओह अच्छा लोग मुझसे जलने लगे हैं में तभी सोचूं लोग मुझे तिरछी नजर से क्यों देखते हैं अब मालूम हुआ है वही तो जल जल के कोयले बनने लगे हैं ©prayag raj

#SunSet

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