दर्द को भी हमसे बेपनाह इक्श है कि कसूर उनकी मोहब्बत का नहीं है,
जख्म हो गए चाहत की चोट से जिन्हें मरहम
से भरने की जरूरत नहीं है!
इक्श अगर होता इतना वेवफ़ा तो किसी को
प्यार करने की इजाजत नहीं है,,
काश! प्यार पन्नों की तरह होता तो किसी को
दर्द की दवा लिखने की जरूरत नहीं हैं!!
डीयर आर एस आज़ाद...
©Ramkishor Azad
#शायरी #rsazad #दर्द #मोहब्बत #Love #viral #Trading #किताब #चाहत Pj Äñgëĺîñä (Añgëľ) Pari.. –Varsha Shukla Brajraj Singh