जब भी तेरा ख्याल आता है
आँखों से एक सैलाब आता है
याद आती है मुझे वो मुलाक़ात
जब मिलकर हमने लिखी नई किताब
तेरे पास रहता हु तो सुकून आता है
दिल में एक अजीब सा जूनून आता है
कर गुजरूँगा कुछ भी तेरे लिए
बस साथ चाहिए जीने के लिए
जब कभी मै थोड़ा बहक जाऊ
थोड़ा डांट मुझे ताकि लौट आउ
तुझसे दूर अब नहीं रहा जाता
मजबूरी ना होती तो दूर नहीं आता
बस अब तु हि है मेरी बंदगी
मर मिटता हु देख तेरी सादगी
©Garv tiwari
शिद्दत