जरूरी नहीं कि हर रिस्ता आम हो, इसलिए हर खास रिस्ते | हिंदी शायरी

"जरूरी नहीं कि हर रिस्ता आम हो, इसलिए हर खास रिस्ते का कोई नाम हो। मोहब्बत हो या न हो स्वीकार करो, अच्छा नही किसी के पीछे कोई बदनाम हो। ©The blankdotts"

 जरूरी नहीं कि हर रिस्ता आम हो,
इसलिए हर खास रिस्ते का कोई नाम हो।
मोहब्बत हो या न हो स्वीकार करो,
अच्छा नही किसी के पीछे कोई बदनाम हो।

©The blankdotts

जरूरी नहीं कि हर रिस्ता आम हो, इसलिए हर खास रिस्ते का कोई नाम हो। मोहब्बत हो या न हो स्वीकार करो, अच्छा नही किसी के पीछे कोई बदनाम हो। ©The blankdotts

जरूरी नहीं कि हर रिस्ता आम हो,
इसलिए हर खास रिस्ते का कोई नाम हो।
मोहब्बत हो या न हो स्वीकार करो,
अच्छा नही किसी के पीछे कोई बदनाम हो।
#Black_Heart #Unrealistic #showoffpeople

#Love

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