आज दुःख दुःखी है खुशियों ने ली अँगड़ाई है। प्रकृत | हिंदी कविता
"आज दुःख दुःखी है खुशियों ने ली अँगड़ाई है।
प्रकृति प्रफुल्लित है नाच रही पुरवाई है।
हर देशवासी के मन में थी तमन्ना सदियों से यहीं।
आज अयोध्या में अनोखी दिवाली आई है।।
@shayr_hemant"
आज दुःख दुःखी है खुशियों ने ली अँगड़ाई है।
प्रकृति प्रफुल्लित है नाच रही पुरवाई है।
हर देशवासी के मन में थी तमन्ना सदियों से यहीं।
आज अयोध्या में अनोखी दिवाली आई है।।
@shayr_hemant