गीत:- डर नहीं इंसान तू अब साथ में हनुमान है । आज क | हिंदी कविता

"गीत:- डर नहीं इंसान तू अब साथ में हनुमान है । आज कलयुग में नहीं इनसे बड़ा भगवान है ।। डर नहीं इंसान तू अब .... जा झुका ले शीश उनको कष्ट सारे दूर हों । जब शरण उनकी ठिकाना क्यों यहाँ मजबूर हों ।। आस जिसने भी लगाई वो न खाली हाथ है । जो न माने आज इनको वो बड़ा नादान है ।। डर नहीं इंसान तू अब.... राम के ही भक्त है वह राम का ही नाम लें । राम के वह नाम बिन देखो न कोई काम लें ।। राम का तू जाप कर ले राम ही आधार हैं । राम का ही नाम सुनकर खुश सदा हनुमान है ।। डर नहीं इंसान तू अब.... काम इस संसार में कोई हुआ ऐसा नही । दूत दानव दैत्य जो सुन नाम हनु कांपा नही ।। व्यर्थ फिर चिंता तुम्हारी है सुनो संसार में । सब सफल ही काज होंगे जब कृपा हनुमान है ।। डर नहीं इंसान तू अब... जानते हैं लोग भोलेनाथ के अवतार हैं । राम जी का काज करने को सदा तैयार हैं ।। इस जगत में भक्त इनसा सुन जगत में है नही । राम का ही नित्य करते ये सदा गुणगान हैं ।। डर नहीं इंसान तू अब .... डर नहीं इंसान तू अब साथ में हनुमान है । आज कलयुग में नहीं इनसे बड़ा भगवान है ।। २३/०४/२०२४     -     महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR"

 गीत:-
डर नहीं इंसान तू अब साथ में हनुमान है ।
आज कलयुग में नहीं इनसे बड़ा भगवान है ।।
डर नहीं इंसान तू अब ....

जा झुका ले शीश उनको कष्ट सारे दूर हों ।
जब शरण उनकी ठिकाना क्यों यहाँ मजबूर हों ।।
आस जिसने भी लगाई वो न खाली हाथ है ।
जो न माने आज इनको वो बड़ा नादान है ।।
डर नहीं इंसान तू अब....

राम के ही भक्त है वह राम का ही नाम लें ।
राम के वह नाम बिन देखो न कोई काम लें ।।
राम का तू जाप कर ले राम ही आधार हैं ।
राम का ही नाम सुनकर खुश सदा हनुमान है ।।
डर नहीं इंसान तू अब....

काम इस संसार में कोई हुआ ऐसा नही ।
दूत दानव दैत्य जो सुन नाम हनु कांपा नही ।।
व्यर्थ फिर चिंता तुम्हारी है सुनो संसार में ।
सब सफल ही काज होंगे जब कृपा हनुमान है ।।
डर नहीं इंसान तू अब...

जानते हैं लोग भोलेनाथ के अवतार हैं ।
राम जी का काज करने को सदा तैयार हैं ।।
इस जगत में भक्त इनसा सुन जगत में है नही ।
राम का ही नित्य करते ये सदा गुणगान हैं ।।
डर नहीं इंसान तू अब ....

डर नहीं इंसान तू अब साथ में हनुमान है ।
आज कलयुग में नहीं इनसे बड़ा भगवान है ।।

२३/०४/२०२४     -     महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत:- डर नहीं इंसान तू अब साथ में हनुमान है । आज कलयुग में नहीं इनसे बड़ा भगवान है ।। डर नहीं इंसान तू अब .... जा झुका ले शीश उनको कष्ट सारे दूर हों । जब शरण उनकी ठिकाना क्यों यहाँ मजबूर हों ।। आस जिसने भी लगाई वो न खाली हाथ है । जो न माने आज इनको वो बड़ा नादान है ।। डर नहीं इंसान तू अब.... राम के ही भक्त है वह राम का ही नाम लें । राम के वह नाम बिन देखो न कोई काम लें ।। राम का तू जाप कर ले राम ही आधार हैं । राम का ही नाम सुनकर खुश सदा हनुमान है ।। डर नहीं इंसान तू अब.... काम इस संसार में कोई हुआ ऐसा नही । दूत दानव दैत्य जो सुन नाम हनु कांपा नही ।। व्यर्थ फिर चिंता तुम्हारी है सुनो संसार में । सब सफल ही काज होंगे जब कृपा हनुमान है ।। डर नहीं इंसान तू अब... जानते हैं लोग भोलेनाथ के अवतार हैं । राम जी का काज करने को सदा तैयार हैं ।। इस जगत में भक्त इनसा सुन जगत में है नही । राम का ही नित्य करते ये सदा गुणगान हैं ।। डर नहीं इंसान तू अब .... डर नहीं इंसान तू अब साथ में हनुमान है । आज कलयुग में नहीं इनसे बड़ा भगवान है ।। २३/०४/२०२४     -     महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

गीत:-
डर नहीं इंसान तू अब साथ में हनुमान है ।
आज कलयुग में नहीं इनसे बड़ा भगवान है ।।
डर नहीं इंसान तू अब ....

जा झुका ले शीश उनको कष्ट सारे दूर हों ।
जब शरण उनकी ठिकाना क्यों यहाँ मजबूर हों ।।
आस जिसने भी लगाई वो न खाली हाथ है ।

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