अंधेरे से मिलना "
देख न लें लोग उजाले में कहीं, इस डर
से मोहब्बत मेरी, तू छिपके अंधेरे से मिलना।
बिना काजल बिना सिंगार, सजन से मन
के उजाले में,महकती रोशनी बनके खिलना।
एक छुअन से दिल की गहराइयों में उतर
जाना, दाग न लग जाए दुपट्टे में ध्यान रखना।
©Anuj Ray
अंधेरे से मिलना "