"दो पल सुकून के खुद के साथ बिताते हैं हम
कुछ पल तन्हाई में बैठ मुस्कुराते हैं हम,
कभी गुनगुनाते हैं
दिल जब बिल्कुल तन्हा हो जाता है तो आंसू भी बाहा ते हैं हम,तनहाई में अक्सर हम गुनगुनाते हैं
किसी और से नहीं ख़ुद से गुफ्तगू
कर दिल को सुकून पहुंचते हैं हम।
©Rk_karn1511 अनकही सी बातें"