Men walking on dark street पल्लव की डायरी
धुंधले धुंधले सपने है
कभी दिल खिल ही नही पाये
रोटी दाल इतनी बड़ी और महंगी थी
उसको पाने के लिये,कभी उभर ही नही पाये
विश्वास खुद में ही टूट गया
जब चाल चलन दुनिया का देखा
मेहनत कश लोगो की कीमत घटाकर
औद्योगिक घराने पनपे है
सत्ता के सारे प्रवाह सुविधा और संरक्षण बनकर
कृपया उन पर बरसते है
हमे बारह घण्टे काम के करके
हर सुविधाओं का हनन करते है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#Emotional जब चाल चलन दुनियाँ का देखा
#nojotohindi