उसकी सिसकती रूह
कहती है बार बार,
मुझ पर विश्वास
तो करो एक बार।
दिल के टुकड़े हुए हजार,
बेरुखी सी लगे हर बहार।
न होश है
न खबर है,
मिल जाओ एक बार।
ओ मेरे प्यारे दिलबर,
तेरे बिन बेकार
हुस्न की हर बहार।
यादों में तेरी
बहे अश्रु धार ,
दिल गया है हार।
गले से लगा लो बस इकबार,
मिल जाए दिल को करार।
न आंखों में नींद है
तेरे बिना ज़िंदगी है बेकार,
न चेहरे पर खुशी है
जमाने की बुरी है नजर।
मैं अलबेली नार,
तेरी राह देखते देखते आंखें हुई चार।
दोनों मिलकर लगाएंगे नैया पार,
प्यार करूंगी बेसुमार।
©Shishpal Chauhan
# गम ए दिल