एक चराग़ हूं इस ज़माने के लिए हवा बेचैन रहता है मु | हिंदी Shayari

"एक चराग़ हूं इस ज़माने के लिए हवा बेचैन रहता है मुझे बुझाने के लिए .. ✍️अमर"

 एक चराग़ हूं इस ज़माने के लिए
हवा बेचैन रहता है मुझे बुझाने के लिए ..
                          ✍️अमर

एक चराग़ हूं इस ज़माने के लिए हवा बेचैन रहता है मुझे बुझाने के लिए .. ✍️अमर

#Hope @Yash Ritu Gupta @Anchal Verma @MONIKA SINGH Shirley Kapoor 🐦Awaaz-e-shayari (Imran Hussain)

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