शहर ज़ालिमों का है साहब, जरा संभल कर चलना,
यहां सीने से लगाकर, लोग दिल निकाल लेते है…
अपनो से दिल लगाने की आदत नही रही,
हर वक्त मुस्कुराने की आदत नही रही…!
नखरे तो हम मरने के बाद भी करेंगे,
तुम जमीन पर चलोगे और हम कंधो पर…!
©Active Deepak
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