सेवक कहूं, सन्यासी कहूं या कहूं सेवादार हर रूप मे | हिंदी कविता

"सेवक कहूं, सन्यासी कहूं या कहूं सेवादार हर रूप में संपूर्ण हो मां भारती के लाल सनातन के शिखर हो हिंदुत्व की ढाल महाकाल के भक्त हो त्रिपुण्ड सोहे भाल ओजस्वी आभा, तेजस्वी वाणी चीते जैसी चाल, हीराबेन के लाडले तूने कर दिया कमाल बिना रुके, बिना थके सिर्फ देश का ख्याल दुश्मनों के छक्के छूटे विरोधी भी बेहाल ये मोदी है कमाल ये मोदी है कमाल ©Rajesh Sharma"

 सेवक कहूं, सन्यासी कहूं 
या कहूं सेवादार
हर रूप में संपूर्ण हो
मां भारती के लाल

सनातन के शिखर हो
हिंदुत्व की ढाल
महाकाल के भक्त हो 
त्रिपुण्ड सोहे भाल

ओजस्वी आभा, तेजस्वी वाणी
चीते जैसी चाल, 
हीराबेन के लाडले 
तूने कर दिया कमाल 

बिना रुके, बिना थके
सिर्फ देश का ख्याल
दुश्मनों के छक्के छूटे 
विरोधी भी बेहाल

ये मोदी है कमाल 
ये मोदी है कमाल

©Rajesh Sharma

सेवक कहूं, सन्यासी कहूं या कहूं सेवादार हर रूप में संपूर्ण हो मां भारती के लाल सनातन के शिखर हो हिंदुत्व की ढाल महाकाल के भक्त हो त्रिपुण्ड सोहे भाल ओजस्वी आभा, तेजस्वी वाणी चीते जैसी चाल, हीराबेन के लाडले तूने कर दिया कमाल बिना रुके, बिना थके सिर्फ देश का ख्याल दुश्मनों के छक्के छूटे विरोधी भी बेहाल ये मोदी है कमाल ये मोदी है कमाल ©Rajesh Sharma

ये मोदी है कमाल

People who shared love close

More like this

Trending Topic