प्रातः काल में धर्म करना दिन में अर्थ और रात में | हिंदी Life

"प्रातः काल में धर्म करना दिन में अर्थ और रात में काम जब यह सब चीज से उभ जाते हैं उसी क्षण से मोक्ष प्राप्ति में लग जाना यह रावण का भाई कुंभकरण द्वारा रावण को समझाया गया है । पर अभी हम लोग तो बस अर्थ और काम के पीछे भागने में ही जीवन बीता रहे है , धर्म ही भूल बैठे हैं तो मोक्ष का तो दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं ,,,,,, अभी फिलहाल हम लोगों ने तो मोक्ष के साथ एक सौतेली मां का बेटा जैसा व्यवहार कर रहे हैं यह हम लोगों का और इस दुनिया का दुर्भाग्य है ©Shankara"

 प्रातः काल में धर्म करना 
दिन में अर्थ और रात में काम 
 जब यह सब चीज से उभ जाते हैं 
उसी क्षण से मोक्ष प्राप्ति में लग जाना 
यह रावण का भाई कुंभकरण द्वारा 
रावण को समझाया गया है ।
पर अभी हम लोग तो बस 
अर्थ और काम के पीछे भागने में ही 
जीवन बीता रहे  है , 
धर्म ही भूल बैठे हैं तो मोक्ष का तो 
दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं ,,,,,,
अभी फिलहाल हम लोगों ने तो  मोक्ष के साथ 
एक सौतेली मां का बेटा जैसा व्यवहार कर रहे हैं
यह हम लोगों का और इस दुनिया का दुर्भाग्य है

©Shankara

प्रातः काल में धर्म करना दिन में अर्थ और रात में काम जब यह सब चीज से उभ जाते हैं उसी क्षण से मोक्ष प्राप्ति में लग जाना यह रावण का भाई कुंभकरण द्वारा रावण को समझाया गया है । पर अभी हम लोग तो बस अर्थ और काम के पीछे भागने में ही जीवन बीता रहे है , धर्म ही भूल बैठे हैं तो मोक्ष का तो दूर दूर तक कोई लेना देना नहीं ,,,,,, अभी फिलहाल हम लोगों ने तो मोक्ष के साथ एक सौतेली मां का बेटा जैसा व्यवहार कर रहे हैं यह हम लोगों का और इस दुनिया का दुर्भाग्य है ©Shankara

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