सुनो,
मिलक नहीं आज तक कभी तुमसे न ही तुम्हें कभी जाना है!
भाग्य में लिखा हो अगर तो वो मुझे मिलाएगा जरूर तुम से किसी न किसी दिन!
उस दिन मैं तुमसे अवश्य पूछूंगा कि तुम्हें भोर की किरणों संग दिखे दूर्वा पर गिरे प्रतीक्षा में बहे अश्रुओं की बूंदे
या तुमने उसे समझा सिर्फ ओस की बूंदें!
©Drx punam rao
#akela