इतना भी मुश्किल न था सभी बातों को छिपाना। पता था | हिंदी कविता Video

"इतना भी मुश्किल न था सभी बातों को छिपाना। पता था मुझे, तुम्हारा हर एक बहाना। मोम की तरह जो थे रिश्ते, अब वो पिघल गये। हमारे बीच जो अक्षर थे विश्वास के, वो भी साथ में जल गये। ©Shashank Singh Kushwaha "

इतना भी मुश्किल न था सभी बातों को छिपाना। पता था मुझे, तुम्हारा हर एक बहाना। मोम की तरह जो थे रिश्ते, अब वो पिघल गये। हमारे बीच जो अक्षर थे विश्वास के, वो भी साथ में जल गये। ©Shashank Singh Kushwaha

मोम से रिश्ते...
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