इतना भी मुश्किल न था सभी बातों को छिपाना।
पता था मुझे, तुम्हारा हर एक बहाना।
मोम की तरह जो थे रिश्ते, अब वो पिघल गये।
हमारे बीच जो अक्षर थे विश्वास के, वो भी साथ में जल गये।
©Shashank Singh Kushwaha
मोम से रिश्ते...
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