White पल्लव की डायरी
गमो को लेकर तन्हा हम सब हो रहे है
कहाँ खो गयी जिंदादिली
घुटे हुये जज्बात से रोगी हम सब हो रहे है
टूट रहे है कौमो और सामाजो के स्तर
सब बचाओ और अस्तिव के लिये लड़ रहे है
दमन के इस माहौल ने डराया इतना
सरकारों की तानाशाही से सब्र टूट रहे है
कैद सारी दुनिया है उनके कारनामो से
जिसे चाहे अपने तरीके से छ्ल बल कर लूट रहे है
प्रवीण जैन पल्लव
©Praveen Jain "पल्लव"
#SAD जिसे चाहे अपने तरीके से छ्ल बल कर लूट रहे है
#nojotohindi