White कविता है जीवन या यों कहे जीवन ही
कविता है ....
क्योंकि कविता जन्म लेती है दुख सुख में
ख़ुशी गम के सानिध्य मेंअथवा पुष्ट होती है हंसी रुदन के गर्भ में
ये तो ठीक वैसे ही है जैसे एक फुल खिला.
मधुबन में और वही खिला है शूल भी
उसके सानिध्य में
जो करदेता है दो जिंदगीयों क़ो जर्ज़र
भी कोमल भी
©Arora PR
जीवन है कविता