मुझे खुद पता नहीं रहता कि क्या है अब तो आदत हो गयी | हिंदी Shayari

"मुझे खुद पता नहीं रहता कि क्या है अब तो आदत हो गयी है इंतज़ार की, कुछ लिपटा सा रहता है बदन से मेरे शायद तेरी वो छुअन आखरी बार की ©__life_imosnal"

 मुझे खुद पता नहीं रहता कि क्या है अब तो आदत हो गयी है इंतज़ार की, 

कुछ लिपटा सा रहता है बदन से मेरे शायद तेरी वो छुअन आखरी बार की

©__life_imosnal

मुझे खुद पता नहीं रहता कि क्या है अब तो आदत हो गयी है इंतज़ार की, कुछ लिपटा सा रहता है बदन से मेरे शायद तेरी वो छुअन आखरी बार की ©__life_imosnal

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