साथ बहुत मिलतें हैं मग़र सहारा" नहीं मिलता हम को ज | हिंदी शायरी

"साथ बहुत मिलतें हैं मग़र सहारा" नहीं मिलता हम को जहाँ में कोई तुम से प्यारा" नहीं मिलता मिल तो जाती है मोहब्बत यूँ तो कई दफ़ा मग़र वो पहला वाला प्यार दोबारा" नहीं मिलता तुम पर ही आ कर रुक जाती है मेरी नज़र मेरी नज़रों को और कोई नज़ारा" नहीं मिलता ग़म के ही मारें मिलतें हैं जहाँ में हर कहीं कभी कहीं कोई ख़ुशी का मारा" नहीं मिलता मेरा-मेरा कहने वाली बहुत मिलतीं मग़र जो कहे मेरा सब कुछ है तुम्हारा" नहीं मिलता मिल कर पूछ लेता हूँ सब से खैरियत सब की हम को हाल मग़र कभी हमारा" नहीं मिलता कैसे होंगी मुकम्मल मेरी ख़्वाहिशें "नादान" हम को टूटता हुआ कोई सितारा" नहीं मिलता ©Ravi Gupta"

 साथ बहुत मिलतें हैं मग़र सहारा" नहीं मिलता
हम को जहाँ में कोई तुम से प्यारा" नहीं मिलता

मिल तो जाती है मोहब्बत यूँ तो कई दफ़ा
मग़र वो पहला वाला प्यार दोबारा" नहीं मिलता

तुम पर ही आ कर रुक जाती है मेरी नज़र
मेरी नज़रों को और कोई नज़ारा" नहीं मिलता

ग़म के ही मारें मिलतें हैं जहाँ में हर कहीं
कभी कहीं कोई ख़ुशी का मारा" नहीं मिलता

मेरा-मेरा कहने वाली बहुत मिलतीं मग़र
जो कहे मेरा सब कुछ है तुम्हारा" नहीं मिलता

मिल कर पूछ लेता हूँ सब से खैरियत सब की
हम को हाल मग़र कभी हमारा" नहीं मिलता

कैसे होंगी मुकम्मल मेरी ख़्वाहिशें "नादान"
हम को टूटता हुआ कोई सितारा" नहीं मिलता

©Ravi Gupta

साथ बहुत मिलतें हैं मग़र सहारा" नहीं मिलता हम को जहाँ में कोई तुम से प्यारा" नहीं मिलता मिल तो जाती है मोहब्बत यूँ तो कई दफ़ा मग़र वो पहला वाला प्यार दोबारा" नहीं मिलता तुम पर ही आ कर रुक जाती है मेरी नज़र मेरी नज़रों को और कोई नज़ारा" नहीं मिलता ग़म के ही मारें मिलतें हैं जहाँ में हर कहीं कभी कहीं कोई ख़ुशी का मारा" नहीं मिलता मेरा-मेरा कहने वाली बहुत मिलतीं मग़र जो कहे मेरा सब कुछ है तुम्हारा" नहीं मिलता मिल कर पूछ लेता हूँ सब से खैरियत सब की हम को हाल मग़र कभी हमारा" नहीं मिलता कैसे होंगी मुकम्मल मेरी ख़्वाहिशें "नादान" हम को टूटता हुआ कोई सितारा" नहीं मिलता ©Ravi Gupta

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#DilKiAwaaz

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