अपनी एक हथेली पर सुला सको, तन्हाई को तो सुला लो !

"अपनी एक हथेली पर सुला सको, तन्हाई को तो सुला लो ! बुझती नहीं है ,मगर बुझती हो आग ख्वाइशों की ,तो बुझालो! आता नही है कोई भी दूर से फिर भी यकीन हो तो पुकारलो! रोता है हर कोई यहाँ दर्द में , तुम अगर मुस्कुरा सकें तो मुस्कुरालो! - अशुनुराग.."

 अपनी एक हथेली पर सुला सको, 
तन्हाई को तो सुला लो !

बुझती नहीं है ,मगर बुझती हो
आग ख्वाइशों की ,तो बुझालो!

आता नही है कोई  भी दूर से
फिर भी यकीन हो तो पुकारलो!

रोता है हर कोई यहाँ दर्द में ,
तुम अगर मुस्कुरा सकें तो मुस्कुरालो!
   - अशुनुराग..

अपनी एक हथेली पर सुला सको, तन्हाई को तो सुला लो ! बुझती नहीं है ,मगर बुझती हो आग ख्वाइशों की ,तो बुझालो! आता नही है कोई भी दूर से फिर भी यकीन हो तो पुकारलो! रोता है हर कोई यहाँ दर्द में , तुम अगर मुस्कुरा सकें तो मुस्कुरालो! - अशुनुराग..

#CityEvening

People who shared love close

More like this

Trending Topic