ताउम्र बाहों की कैद में सज़ा चाहते हैं,,
हम तुम्हारी महोब्बत में वफ़ा चाहते हैं।।
ऐ आसमां पिघल, और बरस कुछ यूं हम पर,,
कि हम भी भीगे लम्हों का मज़ा चाहते हैं
हम तुम्हारी महोब्बत में वफ़ा चाहते हैं।।
ये रोशनी ठहर जाए यहीं,
और डूब जाएं चांद तारे भी,
मदहोश करने वाली वो हला चाहते हैं
हम तुम्हारी महोब्बत में वफ़ा चाहते हैं।।
तन्हाइयों के समंदर में,
गोते लगाएं भी तो कब तक,,
अब हर हाल में मुस्कुराती अदा चाहते हैं
हम तुम्हारी महोब्बत में वफ़ा चाहते हैं।।
आने वाली नस्लें महोब्बत की
सदियों तक सदका करें जिसका,
ऐसा मजबूत इरादा चाहते हैं।।
हम तुम्हारी महोब्बत में वफ़ा चाहते हैं
हम तुम्हारी महोब्बत में वफ़ा चाहते हैं।।
©GOuri sharma
❤️❤️❤️❤️❤️❤️❤️
#ValentinesDay