आज कल इंसनो को इंसानों की आदत है। पर सुकून के लिए | हिंदी Shayari

"आज कल इंसनो को इंसानों की आदत है। पर सुकून के लिए मुझे किताबों की चाहत है। ©Jigyasha"

 आज कल इंसनो को इंसानों की आदत है।
पर सुकून के लिए मुझे किताबों की चाहत है।

©Jigyasha

आज कल इंसनो को इंसानों की आदत है। पर सुकून के लिए मुझे किताबों की चाहत है। ©Jigyasha

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