हर रोज सुनते हो नज्म़ कभी खुद भी सुना दिया करो, हम | हिंदी शायरी

"हर रोज सुनते हो नज्म़ कभी खुद भी सुना दिया करो, हमारी महफ़िल में कर शिरकत चार- चांद लगा दिया करो, बड़ी तहज़ीब से सुनते हो आलम-ऐ-इश्क किसी का, कभी बैठ हमारे साथ हाल-ए-दिल अपना भी बता दिया करो.."

 हर रोज सुनते हो नज्म़ कभी खुद भी सुना दिया करो,
हमारी महफ़िल में कर शिरकत चार- चांद लगा दिया करो,
बड़ी तहज़ीब से सुनते हो आलम-ऐ-इश्क किसी का,
कभी बैठ हमारे साथ हाल-ए-दिल अपना भी बता दिया करो..

हर रोज सुनते हो नज्म़ कभी खुद भी सुना दिया करो, हमारी महफ़िल में कर शिरकत चार- चांद लगा दिया करो, बड़ी तहज़ीब से सुनते हो आलम-ऐ-इश्क किसी का, कभी बैठ हमारे साथ हाल-ए-दिल अपना भी बता दिया करो..

#gazal#Nojoto#Deep_Procha

People who shared love close

More like this

Trending Topic