"White रात आधी रात आधी
दिल में दबा है दर्द जगाई
तेरी आहों से उलझता है एहसास लाई
न मिटा न मिट पाया
कैसे ये जज़्बात बनाई
रात आधी रात आधी
कैसे न मुझको सुला पाई
आंसुओ के बहे समंदर
कैसे न वो रोक पाई
होने को जब आया सवेरा
कैसे न अंधकार मिटाई
रात आधी रात आधी
कैसे न होश में लाई
न मिटा द्वंद दिल का
न वो कसक छुपा पाई
रात आधी रात आधी
कैसे न याद मिटा पाई
©aditi the writer
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