तेरी शान निराली है माँ मन का अँधिआरा दूर कर रोशन क | हिंदी Bhakti

"तेरी शान निराली है माँ मन का अँधिआरा दूर कर रोशन करो माँ छुड़ा के सब मोह माया के बंधन, चरणों के पास अपने बुलाओ माँ खाली झोली बनके सवाली आया माँ कष्ट हरती सबके फिर बारी देरी क्यों पूत कपूत तो सुने माता न होती कुमाता बस सिवा न तेरे कोई न इस जहाँ में माँ श्रद्धा के फूल लाया चरणों से लगाओ माँ विगड़ी बनादो पत रखियो सदा मेरी माँ ©Mahadev Son"

 तेरी शान निराली है माँ मन का
अँधिआरा दूर कर रोशन करो माँ 
 
छुड़ा के सब मोह माया के बंधन,
चरणों के पास अपने बुलाओ माँ 

खाली झोली बनके सवाली आया माँ 
कष्ट हरती सबके फिर बारी देरी क्यों  

पूत कपूत तो सुने माता न होती कुमाता 
बस सिवा न तेरे कोई न इस जहाँ में माँ 

श्रद्धा के फूल लाया चरणों से लगाओ माँ 
विगड़ी बनादो पत रखियो सदा मेरी माँ

©Mahadev Son

तेरी शान निराली है माँ मन का अँधिआरा दूर कर रोशन करो माँ छुड़ा के सब मोह माया के बंधन, चरणों के पास अपने बुलाओ माँ खाली झोली बनके सवाली आया माँ कष्ट हरती सबके फिर बारी देरी क्यों पूत कपूत तो सुने माता न होती कुमाता बस सिवा न तेरे कोई न इस जहाँ में माँ श्रद्धा के फूल लाया चरणों से लगाओ माँ विगड़ी बनादो पत रखियो सदा मेरी माँ ©Mahadev Son

तेरी शान निराली है माँ मन का
अँधिआरा दूर कर रोशन करो माँ

छुड़ा के सब मोह माया के बंधन,
चरणों के पास अपने बुलाओ माँ

खाली झोली बनके सवाली आया माँ
कष्ट हरती सबके फिर बारी देरी क्यों

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