मेरी हर रोज़ बढ़ती हिचकियाँ पल पल मुझे कहती हैं, कमब | हिंदी Shayari

"मेरी हर रोज़ बढ़ती हिचकियाँ पल पल मुझे कहती हैं, कमबख़्त, तेरी यादेँ भी उसके ज़हन में रहती हैं..!"

 मेरी हर रोज़ बढ़ती हिचकियाँ पल पल मुझे कहती हैं,
कमबख़्त, तेरी यादेँ भी उसके ज़हन में रहती हैं..!

मेरी हर रोज़ बढ़ती हिचकियाँ पल पल मुझे कहती हैं, कमबख़्त, तेरी यादेँ भी उसके ज़हन में रहती हैं..!

#HopeDil

#lost @Durga Singh @Khwahish dil ki Rajput writes @Ambika Jha 😌Dil_ke_Alfaz😌💔😔

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