खुशी तो बहुत ही पर ब्यान किसे करते ।
अपने तो बहुत थे पर करीब किसे कहते।
बेपनाह अपनापन मिला,
पर कोई दिल का सूनापन भर ना पाया।
कोशिश की सभी ने,
पर दिल की दीवार को गिरा ना पाया।
तूने ना जाने क्या जादू किया,
लगता था यहां सब ठीक है
वहां उफान छेड़ दिया।
दबा पड़ा था ख्यालों का बवंडर
बहुत समय से
ये क्या केहर मचा दिया....
हम तो बस अब सांस ले रहे थे,
तूने फिर से जीना सिखा दिया।
हसी का बारिशों का कैसा आलम हुआ,
बेवजह मुस्कराना आ गया....🌹🌹
©Ramnik
#तेरा आना#