अजन्य है, अनंत है,
है शांत तु, प्रचंड है।
प्रलय भी तुझमें बसती है,
तेरे भीतर सृष्टि हंसती है।
अग्नि सा तुझमें ताप है,
तु नीर सा शीतल भी है।
खोल दे जो नेत्र तीसरा,
तो मौत का तांडव है।
मूंद ले जो आँख तु,
कहलाता आदियोगी है।
शंकर है, भोलेनाथ है,
देवेश आदिदेव है,
अजा है तु अनिकेत है,
तु मेरा महादेव है,
तु मेरा महादेव है।।
©payal sharma
#महादेव