गुरूर न करना खुद पर कभी
हमने सितारों को टूटते हुए
देखा हैं,महफिल जिनके
लिए सजा करती थी,मुरझाते
हुए उन्हें देखा हैं,
गुरूर न करना....
जिनकी चौखटों में खैरात बांटा
करती थी कभी,
कतार में खड़े खैरात मांगते हुए
उन्हें देखा है, जिन्हे कभी गम
का इल्म भी न था, गुमशुदा गम
में होते हुए उन्हें देखा हैं
गुरूर न करना....
ये समय की धारदार तलवार है,
कब किस पर गिर जाए क्या पता,
अपने आपको संभालकर
चलिएगा, अपने राह में पड़ने वाले
हर पत्थर को पूजते हुए चलिएगा,
©पथिक..
#lyfexperience