जो निभा न सकूं ऐसा वादा नहीं करता मैं बात अपनी औक | हिंदी Shayari Vide

"जो निभा न सकूं ऐसा वादा नहीं करता मैं बात अपनी औकात से ज़्यादा नहीं करता, भले तमन्ना रखता हूं आसमान छूने की मगर किसी को गिराने का इरादा नहीं रखता ,,! ©Khan Sahab "

जो निभा न सकूं ऐसा वादा नहीं करता मैं बात अपनी औकात से ज़्यादा नहीं करता, भले तमन्ना रखता हूं आसमान छूने की मगर किसी को गिराने का इरादा नहीं रखता ,,! ©Khan Sahab

#इरादा करते हैं

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