आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा.... फिर से पुर | हिंदी Shayari Vid

"आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा.... फिर से पुराने ख्वाबों के बस्ती में इसे भटकते देखा... ये कम्बख्त दिल भी बड़ा नादान है, आज फिर बच्चों सा इसे तुनकते देखा.. चलो ना चलते हैं आज उन्ही पुरानी ख्वाबों की गलियों में.. कुछ ऐसे जिद्द पे उसे अड़ते देखा.।। जाना ही ना था मुझे जिस यादों की गली खुद को भी वहीं भटकते देखा...।। आज फिर नींद को आखों से बिछड़ते देखा.... घुटन के बीच खुद को जकड़ते देखा ... ना चाह कर भी अपने कदमों को उस तरफ बढ़ते देखा... अजीब राब्ता है ... दिल और आँखों के बीच दिल जख्मी था और आँखों को बरसते देखा...।।। ऋचा राय...... ©Richa Rai ( गूंज ) "

आज फिर नींद को आँखों से बिछड़ते देखा.... फिर से पुराने ख्वाबों के बस्ती में इसे भटकते देखा... ये कम्बख्त दिल भी बड़ा नादान है, आज फिर बच्चों सा इसे तुनकते देखा.. चलो ना चलते हैं आज उन्ही पुरानी ख्वाबों की गलियों में.. कुछ ऐसे जिद्द पे उसे अड़ते देखा.।। जाना ही ना था मुझे जिस यादों की गली खुद को भी वहीं भटकते देखा...।। आज फिर नींद को आखों से बिछड़ते देखा.... घुटन के बीच खुद को जकड़ते देखा ... ना चाह कर भी अपने कदमों को उस तरफ बढ़ते देखा... अजीब राब्ता है ... दिल और आँखों के बीच दिल जख्मी था और आँखों को बरसते देखा...।।। ऋचा राय...... ©Richa Rai ( गूंज )

जख्मी दिल...

People who shared love close

More like this

Trending Topic