मसाइल | समस्या ©Mubarak Creation मसाइल-ए-हयात अ | हिंदी शायरी

"मसाइल | समस्या ©Mubarak Creation "

 मसाइल | समस्या

©Mubarak Creation

मसाइल | समस्या ©Mubarak Creation

मसाइल-ए-हयात अब मेरे कुछ कम नहीं,
हसकर जी रहा हूं अब कोई ग़म नहीं।।

तुम तो कहते थे मुझे अपना हमसफ़र
अब सफ़र में हूं अकेला कोई ग़म नहीं।।

इक तेरे साथ थी जीने-मरने की हसरतें
अब मर कर जी रहा हूं कोई ग़म नहीं।।

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