"ऐ सख्त बफ॔ अब थोङा तो पिघल ,
और मेरी सांसों को दो बूंद तो उधार दे दे ।
कहीं ऐसा ना हो कि इक रात मेरी सांसे रूक जायें ,
फिर तुम इतना पिघलो कि आंसू भी तुम्है कज॔दार कर दैं।।
From-M@hi's Dairy..."
ऐ सख्त बफ॔ अब थोङा तो पिघल ,
और मेरी सांसों को दो बूंद तो उधार दे दे ।
कहीं ऐसा ना हो कि इक रात मेरी सांसे रूक जायें ,
फिर तुम इतना पिघलो कि आंसू भी तुम्है कज॔दार कर दैं।।
From-M@hi's Dairy...