White ग़ज़ल :- हर किसी पे आती जवानी है । पर सँभलना | हिंदी शायरी

"White ग़ज़ल :- हर किसी पे आती जवानी है । पर सँभलना ही सावधानी है ।। प्रेम की एक वो कहानी है । अब भी सागर में जो निशानी है ।। यूँ तो मिल जाते नैन ही सबसे । जो उतर जाये दिल में रानी है ।। झूठे वादे नहीं करो हमसे । प्रीत अपनी बहुत बखानी है ।। लौट कर आ गये वतन अपने । दीप हर-घर कहो जलानी है ।। दूर कब तक रहे सजन तुमसे । क्या यही मेरी जिन्दगानी है ।। प्यार को जब बना लिया मक़सद । डर न अब जाँ पड़े गवानी है ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR"

 White ग़ज़ल :-

हर किसी पे आती जवानी है ।
पर सँभलना ही सावधानी है ।।
प्रेम की एक वो कहानी है ।
अब भी सागर में जो निशानी है ।।
यूँ तो मिल जाते नैन ही सबसे ।
जो उतर जाये दिल में रानी है ।।
झूठे वादे नहीं करो हमसे ।
प्रीत अपनी बहुत बखानी है ।।
लौट कर आ गये वतन अपने ।
दीप हर-घर कहो जलानी है ।।
दूर कब तक रहे सजन तुमसे ।
क्या यही मेरी जिन्दगानी है ।।
प्यार को जब बना लिया मक़सद ।
डर न अब जाँ पड़े गवानी है ।।

महेन्द्र सिंह प्रखर

©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

White ग़ज़ल :- हर किसी पे आती जवानी है । पर सँभलना ही सावधानी है ।। प्रेम की एक वो कहानी है । अब भी सागर में जो निशानी है ।। यूँ तो मिल जाते नैन ही सबसे । जो उतर जाये दिल में रानी है ।। झूठे वादे नहीं करो हमसे । प्रीत अपनी बहुत बखानी है ।। लौट कर आ गये वतन अपने । दीप हर-घर कहो जलानी है ।। दूर कब तक रहे सजन तुमसे । क्या यही मेरी जिन्दगानी है ।। प्यार को जब बना लिया मक़सद । डर न अब जाँ पड़े गवानी है ।। महेन्द्र सिंह प्रखर ©MAHENDRA SINGH PRAKHAR

ग़ज़ल :-


हर किसी पे आती जवानी है ।

पर सँभलना ही सावधानी है ।।

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