White ग़ज़ल :-
हर किसी पे आती जवानी है ।
पर सँभलना ही सावधानी है ।।
प्रेम की एक वो कहानी है ।
अब भी सागर में जो निशानी है ।।
यूँ तो मिल जाते नैन ही सबसे ।
जो उतर जाये दिल में रानी है ।।
झूठे वादे नहीं करो हमसे ।
प्रीत अपनी बहुत बखानी है ।।
लौट कर आ गये वतन अपने ।
दीप हर-घर कहो जलानी है ।।
दूर कब तक रहे सजन तुमसे ।
क्या यही मेरी जिन्दगानी है ।।
प्यार को जब बना लिया मक़सद ।
डर न अब जाँ पड़े गवानी है ।।
महेन्द्र सिंह प्रखर
©MAHENDRA SINGH PRAKHAR
ग़ज़ल :-
हर किसी पे आती जवानी है ।
पर सँभलना ही सावधानी है ।।