हम कितना कुछ पीछे छोड़ जाते हैं, चाहे भी तो कहाँ स

"हम कितना कुछ पीछे छोड़ जाते हैं, चाहे भी तो कहाँ सहेजे रख पाते हैं, एक मोड़ पर आकर तो पीछे मुड़कर भी देख नहीं पाते हैं, पर मन के कोने में यादों की ख़ुशबू छुपकर बैठी रहती है, और आते-जाते पलों की हवा वो खुशबू फैलाती रहती है... मन के कमरे में.. फिर भी हम नए ख्यालों से उसे ढक देते हैं, कहीं मन को पीछे लौटने का मन ना हो जाए। ©gunjata mann"

 हम कितना कुछ पीछे छोड़ जाते हैं,
चाहे भी तो कहाँ सहेजे रख पाते हैं,
एक मोड़ पर आकर तो पीछे मुड़कर भी देख नहीं पाते हैं,
पर मन के कोने में यादों की ख़ुशबू छुपकर बैठी रहती है,
और आते-जाते पलों की हवा वो खुशबू फैलाती रहती है...
मन के कमरे में..
फिर भी हम नए ख्यालों से उसे ढक देते हैं,
कहीं मन को पीछे लौटने का मन ना हो जाए।

©gunjata mann

हम कितना कुछ पीछे छोड़ जाते हैं, चाहे भी तो कहाँ सहेजे रख पाते हैं, एक मोड़ पर आकर तो पीछे मुड़कर भी देख नहीं पाते हैं, पर मन के कोने में यादों की ख़ुशबू छुपकर बैठी रहती है, और आते-जाते पलों की हवा वो खुशबू फैलाती रहती है... मन के कमरे में.. फिर भी हम नए ख्यालों से उसे ढक देते हैं, कहीं मन को पीछे लौटने का मन ना हो जाए। ©gunjata mann

#Twowords

People who shared love close

More like this

Trending Topic