तुम्हारी मौजूदगी का एहसास धीरे धीरे छाने लगा
दिल को थोड़ा सा ही सही तुमपे एतबार आने लगा
जाने लगा मुझसे वो तन्हाइयों का साया कही दूर
फिर से तिनका तिनका हिम्मत जुटाने लगा
तुम्हारी सादगी भरा रूप मन में समाने लगा
दिल के कोने में कही उम्मीद सी जगाने लगा
बनाने लगा वो नई किस्मतों की सुलझी राहें
मुदातो बाद मैं फिर से दिल को मनाने लगा
तुम्हारी आहटों का शोर सुबह जगाने लगा
जैसे कोई कानों में दिलकश धुन सुनाने लगा
बुनने लगा वो हसरतों के सुनहरे ख्वाब कई
गमो को छोड़ फिर से हसीं पल चुनने लगा
©Rajender
#therecoveryphase