एहसास आने-जाने का अब भी लगा रेहता है जागते सोते स | English Video

"एहसास आने-जाने का अब भी लगा रेहता है जागते सोते सपनों में वो अब भी खोया रहता है सहूलियत तो होगी ही तुम्हे जो साहिल पे इंतज़ार है वो तो बीच समंदर अपनी मुष्कत्तो में लगा रहता है।।"

एहसास आने-जाने का अब भी लगा रेहता है जागते सोते सपनों में वो अब भी खोया रहता है सहूलियत तो होगी ही तुम्हे जो साहिल पे इंतज़ार है वो तो बीच समंदर अपनी मुष्कत्तो में लगा रहता है।।

साहिल:sea shore
मुशकत: effort
give love, if there🤟

#MyPoetry

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