काश कोई मुझे भी चाहे
कुछ अपनी कहें और मेरे दिल के हाल समझ पाये
छोड़ा लोगों ने तोड़ कर मेरे अरमानों को
वो इक शख्स मेरे सारे अरमान फिर से सजाएं
बहुत कम बयां करती हूँ मैं अपनी बातों को
वो मेरी मुस्कराहट के पीछे का दर्द जान जाए
नफ़रत करने के लिए पूरा ज़माना हैं
काश वो मुझसे बे-इन्तहा मोहब्बत कर पाये
मैं रूठूं तो मनाये
उसके गले लग हम अपने हर गम भूल जाए
काश कोई मुझे इतना चाहे
वो मेरी खुशियों की दुनिया बन जाए
मिला देना खुदा मुझे शख्स से
तेरी इनायत से हमारी मोहब्बत अज़ल तक इक प्रेम कहानी बन जाए
वो इक शख्स मेरी जान हैं
बस वो मुझे मिल जाए
©writer....Nishu...
#मेरी मोहब्बत की दुनिया