जिसे ढूँढता हूँ वो मुकम्मल जहां नहीं मिलता । नई ज | हिंदी Shayari

"जिसे ढूँढता हूँ वो मुकम्मल जहां नहीं मिलता । नई ज़मीं नया आस्मां नहीं मिलता। नई ज़मीं नया आस्मां भी मिल जाए, नए बशर का कहीं कुछ निशां नहीं मिलता।"

 जिसे ढूँढता हूँ वो मुकम्मल जहां नहीं मिलता ।

नई ज़मीं नया आस्मां नहीं मिलता। 

नई ज़मीं नया आस्मां भी मिल जाए, 

नए बशर का कहीं कुछ निशां नहीं मिलता।

जिसे ढूँढता हूँ वो मुकम्मल जहां नहीं मिलता । नई ज़मीं नया आस्मां नहीं मिलता। नई ज़मीं नया आस्मां भी मिल जाए, नए बशर का कहीं कुछ निशां नहीं मिलता।

#opensky #Nojoto #nojotoLove #nojotopoetry #nojotoshayari #lockdown

People who shared love close

More like this

Trending Topic