White असहनीय होता है दर्द अपनो का दिया,
कोई बताएं क्यों होता है ऐसा।
मालूम है उनके पास से तानों उपहास के सिवा कुछ न मिलेगा,
दिल बुद्धू सा फिर क्यों वही साथ ढूंढता।
कब तक तड़फेगा ऐसे
समझाए कोई इस नसमझ मन को,
अब तो खुद पर भी नज़रे गौरे फरमा।
धीरे धीरे ही सही दर्द को वहा दिया।
बस यादें रख ली, एहसासों से सौदा कर लिया।
©Ramnik
#दिल#दिल_का_दर्द